सब का सांथ सब का बिकास लोक निर्माण की माया

सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बाबजूद भी लोक निर्माण बिभाग मे इन दिनों प्रमोशन का (भूत नामक )  पोर्टल खुला हुआ है जिसमे हर छोटा बड़ा अधिकारी अपनी जुगाड़ बिठाने मे लगा हुआ है  ? समय का हर पिछड़ा दुखी अधिकारी इस बहती गंगा मे हाथ धोना चाहता है बहीं एक बर्ग के अफसर ने रोस्टर के पालन का पेंच लगा दिया है जिससे बिभाग मे खलबली मच गई है ? सामान्य बर्ग के लोगों को जाँच का डर बता कर हासिये मे खड़ा कर दिया है दुखी मन से उनका कहना है की रिब्यू d p c की आड़ मे आदिबासी. और सामान्य,  पिछड़े बर्ग के लोगों के सांथ धोका किया जा रहा है सबसे चौकाने बाली बात यह है की बिभाग मे पद रिक्त नहीं होने के बाबजूद भी पदोन्नति दी जा रही है बहीं सिनियार्टी भी सन 2012   और 2016 से मानी जा रही है इस से पहले पदोन्नति पाए अधिकारी जूनियर बताये जा रहे है इस बेकडोर घुसपेठियो से बिभाग मे असंतोष ब्याप्त है ( सबका शाथ सबका बिकास )योलना सिर्फ एक बर्ग के लिए ही लागू है इस मुद्दे को लेकर बिभागीय यूनियन को कोर्ट जाना चाहिए पर सबाल यह है की जाये कौन सबके पेट भरे है दर्द कोई ना ????लोगों का कहना है की अगर सरकार को प्रमोसन करना ही है तो s d o से इ इ se से ce और उपयंत्री से sdo के रुके प्रमोशन पर भी नजर डालना चाहिए पर ऐसा नहीं हो रहा है ऐसा कहा जा रहा है की सरकार ने सब के साथ न्याय किया है तभी तो सारे पद प्रभारियों से भर दिए है इस को कहते है बदलाओ जो सछम है उसे पदोन्नति मिली? और आगे भी यह प्रक्रिया निरंतर जारी है इतना ही नहीं बिना पैसे के समूचे प्रदेश की सड़कों के पेंच रिपेयर करा दिए ये भी बड़ी उपलब्धि ही है उल्लेखनीय है की पहले बिभाग मे 25से 40 कालम  मे हायतोबा कर जानकारी जुटाई जाती थी और अब एक डायरी मे ही सारा बिभाग समां गया है इसे कहते है बक्त है बदलाब का जय हो...