भोपाल। (हिन्द न्यूज सर्विस)। राज्य की सीमायों पर स्थापित परिवहन चौकियां जो वहां गुजरने बाले वाहन चालकों से अवैध बसूली के लिए बदनाम हैं। लेकिन इन चौकियों पर पदस्थापना के लिए के लिए क्या क्या खेल इस विभाग में सक्रिय रैकेट के चलते खेलकर विभाग की कमाई बाली परिवहन चौकियों पर पदस्थापना पाने में सफलता हासिल कर लेते हैं। लेकिन विभाग की कमान नए परिवहन आयुक्त व्ही मधुकुमार के पद ग्रहण करने बाद ऐसे दागी अधिकारियों द्वारा लाख कोशिशें करने बाद भी असफलता हाथ लगी। तो वहीं विभाग अवैध बसूली की कमाई की बदौलत बर्षो से जारी आरक्षकों को चौकियों का प्रभारी बनाने की परंपरा का ख़ात्मा व्ही मधुकुमार के द्वारा खत्म किए जाने से विभाग में बर्षो से सक्रिय रैकेट परेशान दिखाई दे रहा है। लेकिन परिवहन विभाग में अभी भी वह लोग मौजूद हैं जिनकी शैक्षणिक योग्यता के संबंध में अनेकों बार सबाल खडे किए गए मगर इन परिवहन चौकियों की अवैध बसूली की कमाई के चलते उनके खिलाफ उठने बाली हर आवाज को चुप करने सफलता प्राप्त होती रही है। तो वही लिपिक जैसे पद पर विभाग में नियुक्ति मिलने के बाद आर टी आई जैसे पद पर पंहुचने बाले इन चौकी प्रभारियों को लेकर विभाग में तरह तरह की चर्चाएं लोग चटखारे लेकर करते नजर रहे हैं। विभाग के उन योग्य और इमानदार छबि बाले अधिकारियों और कर्मचारियों विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई उपेक्षा को लेकर विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म है।वैसे कमाई बाले चौकियों पर हमेशा पदस्थापना पाने में सफलता पाने बाले अधिकारियों और कर्मचारियों के कारनामों को लेकर विभाग तरह तरह की चर्चाएं लोग चटखारे लेकर करते नजर आ रहे हैं। ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के कारनामों को लेकर विभाग में इस तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है इस तरह की चर्चाओं की पुष्टि तो तभी हो सकेगी जब इसकी किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा इन आरोपों की जांच करवाई जाए तभी सत्यता सामने आ पाएगी। लेकिन इस तरह की चर्चाएं विभाग में जारी है कि सुरा सुंदरी की बदौलत कमाई बाली चौकियों पर पदस्थापना और बिना योग्यता के लगातार प्रमोशन पाने बाले अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर भी तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है? इस तरह की तरह तरह की चर्चाओं के बीच विभाग के इमानदार और योग्य अधिकारियों और कर्मचारियों को लोकायुक्त जैसे संगठन से आए परिवहन आयुक्त से विभाग कार्यशैली में बदलाव की उम्मीद की सभी उम्मीद कर रहे हैं ?
<no title>मध्य प्रदेश परिवहन में चल रहा अजब गजब का खेल?