<no title>प्रदेश में माफिया मुक्त परिवहन की अवधारणा कब मूर्त रूप लेगी ? -जॉइंट एक्शन कमेटी 


प्रदेश के मुखिया कमलनाथजी ने प्रदेश को माफिया मुक्त करने केलिए भोपाल में भोपाल ,इंदौर ग्वालियर व जबलपुर  कलेक्टर -एसपी और आईजी -कमिश्नर सहित अन्य आला अफसरों की बैठक बुलाकर इसमें दिशा निदेश जारी किये गए किप्रदेश में व्याप्त जमीन और खनन के साथ वन ,शराब ,शिक्षा ड्रग माफिया कोसूचिबद्ध कर उनके ऊपर कठोर कारवाही की जावे।  लेकिन प्रश्न यह उठता है की जब प्रदेश सरकार अन्य क्षेत्रों के साथ ही प्राइवेट रूप से सक्रिय माफियाओ केऊपर कारवाही करने केलिए सख्त कदम उठाने का निर्णय ले सकती है तो क्या कारन है की उच्च राजनीतिक एवं प्रसासनिक सरक्षण के चलते प्रदेश में 24 घंटे 365 दिन परिवहन जाँच चौकियों पर प्रतिदिन के करोड़ो रूपये की अवैध वसूली को संचालित करने वाले  सक्रिय माफिया के विरुद्ध सख्त करवाही करने में क्यो हिचकचा रही है ? उक्त प्रसन संयुक्त रूप से आज जेएसी केराष्ट्रीय अध्यक्ष्य प्रहलाद अग्रवाल ,नरेंद्र मिश्रा ,नवीन कुमार अग्रवाल ने ट्रांसपोर्ट नगर भोपाल में मेंआयोजित पत्रकार वार्ता  को सम्बोधित करते हुए कही। 
पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए अग्रवाल न कहा की आप सभी जानते है  कि मध्यप्रदेश की अन्तरराज्यीय सीमाओं पर स्थापित परिवहन विभाग द्वारा संचालित परिवहन चौकियों से गुजरने वाले वाहन चालकों से वहां तैनात अधिकारियों,कर्मचारियों के साथ-साथ उनके द्वारा पोषित निजी लठैतों के माध्मय से वहां से गुजरने वाले चालकों से अवैध वसूली का सिलसिला मध्यप्रदेश में वर्षोंे से जारी है और इसकी वजह से मध्यप्रदेश की पूरे देश में छविखराब हो रही है लेकिन फिर भी इस तरह की अवैध वसूली पर रोक लगाने की पहल नहीं की जा रही है। इस समस्या के समाधान के लिये ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्यों के द्वारा कई बार मध्यप्रदेश शासन के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी, परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, प्रमुख सचिव परिवहन के साथ-साथ आयुक्त परिवहन विभाग को कई पत्र लिखे गये लेकिन आज तक उनपर कोई सार्थक कार्यवाही की गई और न ही परिवहन चौकियों पर होने वाली इस तरह की अवैध वसूली पर रोक लगाई पिछले दिनों ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने इसी समस्या को लेकर पुणे से लेकर जयपुर तक एक वाहन रैली निकाली थी उस दौरान समति के सदस्यों द्वारा प्रदेश की बड़वानी सीमा पर स्थित सेंधवा और नीमच जिले की सीमा पर स्थित नयागांव परिवहन चौकी पर वाहन चालकों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं से अवगत हुए तो इन चौकियों पर उपस्थित अधिकांश वाहन चालकों ने बताया कि इन परिवहन चौकियों पर अवैध वसूली की रकम चुकाए बिना कोई भी वाहन चालक जा भी नहीं सकता, यही नहीं वाहन चालकों ने बताया कि यदि कोई इन अधिकारियों के द्वारा मांगी गई मुंह मांगी राशि देने से मना करता है तो उसे तरह-तरह से परेशान तो किया ही जाता है साथ ही उसके साथ मारपीट की घटनायें भी घटित होती रहती हैं, साथ ही उनके सही दस्तावेज होने के बावजूद भी उन चालकों को परेशान किया जाता है तथा उनके दस्तोवज छीनकर यह कहा जाता है कि वह गायब हो गये। ऐसी ही एक घटना समिति के सदस्यों के समक्ष सिवनी जिले की खवासा परिवहन चौकी पर सामने आई थी, जिसके चलते परिवहन चौकी के अधिकारियों ने एक वाहन चालक के काजगजात गुम होने का कहकहर उसे चार दिन से परेशान कर रहे थे, भूखे-प्यासे वाहन चालक की समस्या को लेकर खवासा परिवहन चौकी के एक कर्मी खान से सम्पर्क किया गया तो कुछ ही मिनट बाद वह कागजात जिनके गुम होने की बात कहकर तीन दिन से वाहन चालक को परेशान किया जा रहा था वह कागज मिल गये। ऐसी एक नहीं अनेकों घटनायें आयेदिन प्रदेश की परिवहन चौकियों पर घटती रहती हैं। खुशी की बात यह है कि मध्यप्रदेश की लोकप्रिय मुख्यंत्री कमलनाथ भी अब प्रदेश में सक्रिय माफियाओं के खिलाफ मुहिम चलाने के पक्षधर हैं लेकिन शासन द्वारा संरक्षित इन परिवहन चौकियों पर अवैध वसूली करने वाले माफिया पर भी शिकंजा कसे जाने की मांग ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्य करते हैं। एक लम्बे अर्से से ज्वाइंट एक्शन कमेटी  पविहन चौकियों पर होने वाली अवैध वसूली के खिलाफ संघर्ष कर रही है। इसी को लेकर पहले पुणे से लेकर जयपुर तथा 9  दिसम्बर से 13  दिसम्बर तक कमेटी के मुख्यालय नागपुर से लेकर खवास परिवहन चौकी सिवनी और हनुमना परिवहन जाँच चौकी रीवा से लेकर भोपाल तक रैली का आयोजन किया गया इस दौरान ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्य जब रीवा जिले में स्थित हनुनमना परिवहन चौकी पर कमेटी के संरक्षक विधायक प्रदीप पटेल के नेतृत्व में हनुमाना चौकी पर मौजूद वाहन चालकों से रूबरू हो रहे थे तो कमेटी के सदस्योंको अधिकांश वाहन चालकों ने वहां अवैध वसूली होने की शिकायत की, वाहन चालकों की इस तरह की शिकायत मिलने के बाद कमेटी के संरक्षण विधायक प्रदीप पटेल ने कलेक्टर रीवा ओर कई प्रशासनिक अधिकारियों को फोन लगाकर चौकी पर चल रही अवैध वसूली की शिकायत पर एसडीएम तहसीलदार सहित जिले के परिवहन अधिकारी ने आकर चौॅकी पर अवैध वसूली किये जाने वाली पर्चियां आदि जब्त कर तीन दिन बाद जांच रिपोर्ट विधायक प्रदीप पटेल को देने का आश्वासन दिया। ठीक इसी तरह से पूर्व में भी इसी हनुमना चौकी पर कमेटी के संरक्षक विधायक प्रदीश पटेल ने वाहन चालकों की शिकायत पर अवैध वसूली किये जाने संबंधी पर्चियां आदि जब्त कर कलेक्टर रीवा को सौंपी थीं। लेकिन उसके बाद भी यह सिलसिला अभिी खत्म नहीं हुआ है, हनुमना चौकी की तरह प्रदेश की 40  परिवहन चौकी पर अवैध वसूली का सिलसिला बदूस्तर जारी है। जहां स्टीकर स े अवैध वसूली नहीं होती, उन परिवहन चौकियों पर गुजरने वाले वाहन चालकों से उनके वाहन के चक्कों के हिसाब से प्रति चक्कर 500  से लेकर 1500  रुपये तक की अवैध वसूली की जाती है और जिन परिवहन चौकियों पर स्टीकर प्रणाली लागू है वहां चक्कों के हिसाब से 1500  से लेकर 15  हजार तक की अवैध वसूली प्रति कलेंडर माह का सिलसिला निर्बाध रूप से वर्षो से जारी है इस तरह से प्रदेश की इन परिवहन चौकियों पर सरकार द्वारा संरक्षित अवैध वसूली माफिया सक्रिय है, दिलचस्प पहलू यह है कि इन  परिवहन चौकियों से की जाने वाली अवैध वसूली की राशि सरकारी खजाने में ना जाकर माफिया केरूप में परिवहन विभाग में प्रसिद्ध चंद अधिकारियों, कर्मचारियों एवं राजनेताओ की तिजोरियों में पहुंच रही है जिसके चलते मध्यप्रेश सरकार की छवि तो खराब हो ही रही है तो वहीं प्रतिमाह करोड़ों का चूना सरकारी राजस्व को लगाया जा रहा है।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी की लड़ाई जहां वाहन चालकों की समस्या के समाधान के लिए, सरकार की राजस्व की छवि को जो नुकसान पहुंंचाने का काम किया जा रहा है उसे रोकने कीएक पहल भी है। यहाँ यह उल्लेख करना  उचित हैं कि मप्र सीमाओं पर स्थित  परिवहन चौकियों से होने वाली अवैध वसूली का यह सिलसिला तो वर्षों से चल रहा है लेकिन कमलनाथ सरकार के सत्ता में आने के पूर्व प्रदेश की जनता को जो अपने वचन पत्र के माध्यम  से भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का जो वायदा किया था उस वचनपत्र के बावजूद भी, मध्यप्रदेश के नाम परिवहन चौकियों पर चर्चित भ्रष्टाचार में शुमार है और इसी के चलते कमलनाथ सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में जहां तमाम सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई है तो वहीं परिवहन विभाग में भी 25  फसीदी भ्रष्टाचार में वृद्धि होने की जानकारी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया और संस्था लोकल सर्किल द्वारा प्रदेश में किये गये सर्वे में यह तथ्य सामने आया है कि प्रदेश में एक वर्ष में जहां भ्रष्टाचार में वृद्धि दर्ज की गई तो वहीं परिवहन विभाग में 25 फीसदी वृद्धि होना बताया गया है।
हमारी कमलनाथ सरकार से एक सूत्री मांग है की तुरंत परिवहन विभाग केमाफिया तंत्र को ध्वस्त किया जावे और परिवहन विभाग केअधिकारियों कर्मचारियों एवं इससे सम्बंधित राजनेताओ की सम्पति की जांच कर अवैध सम्पति राजसात की जाये