<no title>सड़क पर कोहरामः किसी को किसी की चिंता नहीं, सिर्फ लक्ष्य है ’उगाही’


 





यातायात माह में ही काट दिये 2 करोड 20 लाख से ज्यादा के चालान


मथुरा। गुजरता साल कान्हा की नगरी को सडक पर कई ऐसी टीस देकर जा रहा है, जो लम्बे समय तक लोगों के जहन में रहेंगी, इस बीच 2019 को सडक सुरक्षा और चालान के नये नियमों के लिए भी याद रखा जाएगा, चालान की दरों में कई गुना वृद्धि के बाद भी सडक हादसों में किसी तरह की कोई कमी नहीं आई, यहां तक कि ओवर लोडिंग से लेकर पुलिस की उगाही तथा चौराहे तिराहों पर गुंडा टैक्स की वसूली भी बदस्तूर जारी रही। 
 



पुलिस की महीनेदारी ओवरलोडिंग की वजह रही, राया मथुरा रोड पर रविवार को हुए सडक हादसे में सात लोगों की मौत के बाद ओवरलोडिंग का जिन्न एक बार फिर निकल आया है, जिम्मेदार अपनी ओर से सफाई दे रहे हैं, राया में थाने के ठीक सामने आटो स्टैण्ड है और ओवरलोडिंग यहीं से होती है, खुद पुलिसकर्मी इन ओवरलोड आटो में सफर करते हैं, वह महीनेदारी ही है, जो आटो चालकों को ओवरलोडिंग की अनुमति देती है।



तिराहे चौराहे पर गुंडा टैक्स की वसूली, पुलिस की बेगार ओवरलोडिंग को मजबूर कर रही है, मथुरा वृंदावन नगर निगम की सीमा में एंट्री नहीं होने के बाद भी हर तिराहे चौराहे पर 24 घण्टे गुण्डा टैक्स की उगाही वर्ष भर जारी रही, नगर निगम के अधिकारी किसी तरह का कोई एंट्री टैक्स नहीं लिये जाने की बात करते रहे जबकि उगाही करने वाले नगर निगम की रसीद थमाते रहे, यह सब पुलिस की मौजूदगी में हो रहा है, आटो चालकों को दिहाडी निकालना भी मुश्किल हो जाता है और वह ओवरलोडिंग करते हैं। 


इन हादसों के बाद उठाये गये थे कुछ कदम
12 मार्च 2013ः मथुरा वृंदावन रोड पर बस और टैंपों की टक्कर में 11 लोगों की मौत हुई थी, इसके बाद कुछ जरूरी कदम उठाये गये, आटो चालकों से नियमानुसार सवारियां बैठाना शुरू कर दिया और किराया दो गुना कर दिया गया
11 जून 2017ः फतेपुर सीकरी नहर में गिरी कार, एक ही परिवार के नौ लोगों सहित 10 की मौत, टूटी पुलिया, पुल, नालों से पहले ब्रेकर बनाने और रिफ्लेक्टर लगाने की हुई थी कार्यवाही