पन्ना टाईगर रिज़र्व से आयी बहुत बुरी खबर
15 से 20 दिन पुराना बाघ का कंकाल हु बरामद
जश्न के माहौल में डूबा रहा पार्क प्रबंधन और बाघ मर गया
पन्ना - {sarokaar news} पन्ना टाइगर रिजर्व के मौजूदा प्रबंधन पर फिर उठे सवाल, बाघ की मौत ने प्रबंधन की कार्यशैली को एक बार फिर उजागर कर दिया है और एक बाघ की मौत का मामला हमारे सामने है। पन्ना टाइगर रिज़र्व प्रबंधन द्वारा अभी अभी बाघ पुनर्स्थापना के दस वर्ष पूर्ण होने पर खूब कार्यक्रम आयोजित किये गए और बाघ बचाने का संकल्प दोहराया जाता रहा लेकिन जमीनी स्थिति ठीक इसके विपरीत है। जब पार्क जश्न मन रहा था तब एक बाघ मर चुका था लेकिन पार्क प्रबंधन को यह पता ही नहीं चला।
पार्क प्रबंधन द्वारा प्रेस नोट जारी करते हुए बताया गया है कि पन्ना कोर परिक्षेत्र के बीट रमपुरा कक्ष क्रमांक 1355 के अंतर्गत गस्त के दौरान जमुहाई तलैया के पास लेन्टाना की झाड़ियों के पास एक बाघ का कंकाल पाया गया। गश्ती दल द्वारा पार्क कम वरिष्ठ अधिकारीयों को अवगत कराया गया जिसके बाद मौके पर पन्ना टाइगर रिज़र्व के संचालक तथा उप संचालक और वन्य प्राणी चिकित्सक डॉग स्क्वाड टीम लेकर गये तथा घटना स्थल की सर्चिंग कराई गई। पार्क प्रबंधन के अनुसार किसी भी अवैध गतिविधि के निशान नहीं पाए गये बरामद कंकाल पी 111 का बताया जा रहा है जो बाघ टी 2 की छटवी लिटर की तीन संतानों में से एक हो सकती है। स्टाफ द्वारा पूछताछ के दौरान बताया गया कि इस क्षेत्र में बाघ पी261, पी262 और पी 263 इस क्षेत्र में रहते थे तथा अपना इलाका बनाने के लिए घूम रहे थे। इसकी प्रबल संभावना है कि इलाके पर कब्ज़ा को लेकर संघर्ष में उक्त बाघ की मृत्यु हुई हो। मारे गए बाघ के गले में रेडिओ कॉलर भी नहीं था तथा कंकाल 15 से 20 दिन पुराना हो चुका था। मृत बाघ की बॉडी पोस्टमार्टम योग्य न होने के कारण वन्यजीव चिकित्सक द्वारा मात्र परिक्षण कर नमूने लिए गए हैं और बताया गया है कि बाघ के शरीर के सभी अवयव केनाइन,नाखून,हड्डी आदि मौके पर पाए गए हैं।
पन्ना टाइगर रिज़र्व के संचालक,उपसंचालक और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि सहित वन्यजीव चिकित्सक सहित वन अमले की मौजूदगी में मृत बाघ के कंकाल को जलाकर नष्ट कर दिया गया है। पार्क प्रबंधन द्वारा बताया जा रहा है कि प्रथम दृष्टया उक्त प्रकरण में प्राकृतिक मृत्यु का मामला प्रतीत होता है।
वन्यप्राणी विशेषज्ञ राजेश दीक्षित पन्ना - पन्ना टाइगर रिज़र्व के लिए बाघ की मौत की खबर निश्चित ही बहुत दुखद है, इसकी जिम्मेदारी पार्क प्रबंधन को लेनी चाहिए और गहनता से इसकी जांच कराई जाना अति आवश्यक है। बाघ की मौत का मामला बड़ी लापरवाही है जमीनी अमले और पार्क के आला अधिकारियों के बीच सामंजस्य की कमी के कारण यह घटना हुई हो इससे इंकार नहीं किया जा सकता इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए।