भोपाल। राज्य सरकार द्वारा आबकारी विभाग के माध्यम से अधिक से अधिक राजस्व कमाने की नीति के चलते आबकारी विभाग के नियमों में आए दिन परिवर्तन किए जा रहे हैं। इस तरह की नीतियों के कारण प्रदेश में शराब की बिक्री में 27 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसी क्रम में हाल ही में आबकारी विभाग ने अवैध शराब पर बंदिश लगाने के उद्देश्य से राज्य भर की देशी विदेशी शराब की दुकाने के आसपास शराब के अवैध उपयोग पर बंदिश लगाने के लिए प्रदेश भर की देशी और विदेशी शराब की वह दुकानें जो विभाग की भाषा में जिन्हें आँफ श्रेणी में माना जाता है। ऐसी आँफ श्रेणी बाली दुकानों को "शाप बार लाइसेंस "देने के नियम बनाकर 14 नवम्बर 19 के राजपत्र में प्रकाशित कर शराब की दुकानों के आसपास चलने बाले आहतों को शाप बार लाइसेंस के तहत आहतों को अब विभाग के द्वारा निर्धारित शल्क जमा करा कर हाल ही बनाए गए नियमों के मुताबिक भोपाल की इन आँफ श्रेणी बाली आँफ श्रेणी में आने बाली दुकानों से नौ करोड़ रुपये बसूली करके शाप बार लाइसेंस दिए हैं। आबकारी विभाग की कार्यवाही के बाद तमाम सबाल खडे़ होने लगे हैं कि इस नियम के हाल में लागू होने पूर्व प्रदेश भर की बात छोडिए राजधानी में आँफ दुकानें चल रही थी वह किस नियम और किसकी शह पर चल रही थी और इस तरह के अवैध आहतों से होने बाली अवैध बसूली की कमाई आखिर कहां और किस की जेब में जा रही थी? क्या विभाग इसकी जांच करवाएगा? तो वहीं यह सबाल खडे़ हो रहे हैं कि नया नियम लागू होने के बाद नौ करोड़ रुपये की राशि जिला आबकारी विभाग ने जमा की है वह क्या बर्ष 19- 20 की अवधी के लिए है।नही होंगी ये प्रतियोगिता भोपाल में नही पूरे प्रदेश में आबकारी उडनदस्ता की उदासीनता की वजह से पूरे प्रदेश में अवैध तरीक़े से शराब बिक्री हो रही है।व उडनदस्ता व अधिकारियों की कृपा से (विशेष रूप से जो अधिकारी लंबे समय से भोपाल में जमे हुए है और जो को भारी चढ़ावा चढ़ा चुके है) उसके बाद भी कार्यवाही नही होगी यह सभी को मालूम है।पर सब कुछ शासन की जानकारी में हो रहा है और मंत्री जी की मूक सहमति से हुआ है व हो रहा है इस मे कोई दो राह नही है, सब शासन की जानकारी में है पर कुछ कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को दबाने के लिए ये सब चीजें आबकारी विभाग व मंत्री से संरक्षण प्राप्त अधिकारी इस मामले को दबाने में लगे हुए हैं।अब तो अधिकारी जो शोषित हो रहे है दबे शब्दो मे यह कह रहे है कि विभाग का प्रमुख ही मंत्री ने अपने विश्वासपात्र को बनाया है अब कोई क्या कर लेगया ।
शाप बार लाइसेंस की बसूली को लेकर उठ रहे हैं सबाल?