शिवपुरी जिले की सिंकदरा परिवहन चौकी अवैध बसूली के लिए चर्चाओं?      

                       भोपाल (हिन्द न्यूज सर्विस) यूं तो राज्य की सीमायों पर स्थापित परिवहन चौकियां इन चौकियों से गुजरने बाले वाहनों के वाहन चालकों से अवैध बसूली के लिए बदनाम हैं। मगर नए परिवहन आयुक्त व्ही मधुकुमार के इस विभाग की कमान संभालने के बाद यह उम्मीद इस बात को लेकर जागी थी ?क्योंकि इस विभाग कमान संभालने के पूर्व वह जिस लोकायुक्त संगठन में रहे जिसके बारे में प्रदेश की जनता यह भ्रम है क्योंकि लोकायुक्त संगठन ने कभी समाचार - पत्रों की कतरनों को संज्ञान में लेकर कई मामले दर्ज किए हालांकि ग्वालियर हाई कोर्ट ने अनेकों मामलों में लोकायुक्त की कार्यशैली पर सबाल भी खडे करते हुए लोकायुक्त के द्वारा की गई कार्यवाही पर सबाल खडे़ किए जाने के मामले भी सुर्खियों आए हैं। तो वही प्रदेश की सत्ता की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के भी लोकायुक्त की कार्यवाही पर सबाल खडे़ करने के बाद जनता का लोकायुक्त संगठन की निष्पक्षता का भ्रम भी टूट गया है? वहीं परिवहन विभाग की चौकियों पर होने बाली अवैध बसूली की कमाई की कमाई को देखकर एवं नीमच जिले तत्कालीन कलेक्टर नन्दकुमारम् के द्वारा जिले की सीमा पर स्थित नयागाँव परिवहन चौकी पर होने बाली अवैध बसूली की कमाई की जिले सामाजिक कार्यकर्ताओं और वहां से गुजरने बाले वाहन चालकों की शिकायत पर तत्कालीन कलेक्टर नन्दकुमारम् के द्वारा तत्कालीन तहसीलदार जावन को भेजकर नयागाँव परिवहन चौकी पर जांच करवाने के बाद तत्कालीन कलेक्टर नन्दकुमारम् ने अपने कार्यालय का पत्र और उसके बाद तत्कालीन के नयागाँव चौकी से अवैध बसूली के लिए उपयोग लाए जाने काफी मात्रा में स्टीकर व अन्य सामग्री जब्त कर लाई सामाग्री को 28 अगस्त 2015 को संग्लन कर आयुक्त परिवहन के साथ - साथ लोकायुक्त,भोपाल को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा था। मगर उस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही अवैध बसूली करने बाले किसी भी अधिकार या अन्य पर नहीं होना इस यह प्रमाणित करता है कि परिवहन चौकियों पर से गुजरने बाले वाहन चालकों से अवैध बसूली करने बाले माफिया के आगे सभी असहाय नजर आते हैं? लगभग यही स्थिति इस समय शिवपुरी जिले की सीमा पर स्थापित परिवहन चौकी सिंकदरा पर हुई अधिकारी कर्मचारियों की पदस्थापना को लेकर विभाग में लोग तरह तरह की चर्चाएं चटखारे लेकर करते नजर आ रहे है। इस चौकी पर जो पदस्थापना लोकायुक्त संगठन से आए नए परिवहन आयुक्त की तमाम तरह की वितर्कित बर्तने के बाद मैडिकल में अनफिट होने के साथ तीन बार सर्जरी करने और सेवानिवृत्ति के करीब होने के बावजूद इस अवैध कमाई के मामले में हमेशा चर्चाओं रहने बाली सिंकदरा चौकी पर पदस्थापना होने को लेकर विभाग में तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं? यही नहीं इस चौकी पर पदस्थापना पाने के लिए जोडतोड कर सफलता अर्जित करने बाले बाथम को लेकर विभाग में जिस तरह की चर्चाएं व्याप्त है उन पर यदि विश्वास करें तो बर्षो तक अपनी परिवहन विभाग में  मलाई बाली चौकियों पर इसबार सिंकदरा चौकी पर तैनात होने की कला में माहिर बाथम के जाति प्रमाण पत्र फर्जी होने का दावा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों करते नजर आ रहे हैं? अब इस तरह के दावों की हकीकत पर से पर्दा उठाने का काम तो परिवहन आयुक्त व्ही मधुकुमार ही कर सकते हैं? यही नहीं परिवहन विभाग में जोडतोड और कार्यशैली में माहिर बाथम की तरह और भी अधिकारियों और कर्मचारियों के जाति ही नहीं शैक्षणिक योग्यता प्रमाण -  पत्रों को लेकर विभाग चर्चाओं का दौर जारी है? जिनकी बदौलत अनेकों अधिकारी और कर्मचारी मलाई छानते रहे हैं? परिवहन विभाग में फलेफूले इस तरह के माहौल को लेकर जिस तरह की चर्चाओं का दौर जारी है वह विभाग की कार्यशैली पर अनेक सबाल खडे़ तो करते ही हैं। वहीं  विभाग में कार्यरत अनेक अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा चौकियों पर होने बाली अवैध बसूली की कमाई की बदौलत दो दो तीन तीन शादियां करने बालों की अच्छी खासी तादाद बताई जाती हैं? इस तरह से परिवहन चौकियों फर होने बाली अवैध बसूली की कमाई के साथ - साथ विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के तरह तरह के किस्से के कारण परिवहन विभाग जहां अवैध बसूली की कमाई की बजह से चर्चाओं में है तो वहीं कमाई बाली चौकियों पर पदस्थापना पाने के तौर तरीकों के लिए भी ख्याति पाने में अबल होने के साथ - साथ बेनामी चल अचल संपत्ति किस तरीके से बनाई जाती है इस विधा का गुरुमंत्र अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी इसी विभाग से ग्रहण करते हैं। पन्द्रह साल तक सत्ता का वनवास भोगने के बाद सत्ता पर क़ाबिज़ कांग्रेस सरकार के सत्ता के मुखिया कमलनाथ ने प्रदेश से हर तरह के माफियाओं के खिलाफ जंग छेड रखी है मगर परिवहन विभाग की चौकियों पर अवैध बसूली करने बाले इन माफिया के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाने में असहाय से क्यों नजर आ रहे हैं? इस यक्ष सबाल का जबाव जहां परिवहन विभाग के वह कुछ अधिकारी और कर्मचारियों के साथ -.साथ राज्य का वह जनमानुस तलाश ने लगाया है। जिसे विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस पार्टी के मुखिया के बतौर राज्य की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने बाले मुख्यमंत्री कमलनाथ के वचन की जरा भी ज्ञान है? तो वहीं वह वाहन चालक जिन से प्रदेश की परिवहन चौकियों पर से गुजरने पर प्रति चक्का पहियों के हिसाब कहीं पांच सौ से लेटर पन्द्रह सौ तक प्रति चकर अवैध बसूली के रुप में देना पडता है। तो सेंधवा, खावसा, मूलताई, हनुमाना,नयागाव  आदि जैसी अवैध बसूली की कमाई के लिए ख्याति प्राप्त परिवहन चौकी पर गुजरने पर प्रति चक्का पन्द्रह सौ से पन्द्रह हजार तक चौकी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के पोषित निजि लाठौतों के भय से देने होते हैं। इन वाहन चालकों ने पिछले दिनों वाहन चालकों की समस्यायों के समाधान के लिए बनी ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संरक्षक विधायक प्रदीप पटेल सहित कमेटी के सदस्यों के सामने जो आप बीती बताई यदि इन सब पर भरोसा करें तो उन चर्चाओं के मुताबिक चौकी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा उनसे बसूली जाने बाली अवैध बसूली का वाहन चालकों के द्वारा विरोध करने पर उनसे बसूली जाने बाली अवैध बसूली की कमाई के हिस्सेबांट की दास्तान चौकियों पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों देते हैं यदि उस पर विश्वास किया जाए तो उन अधिकारियों और कर्मचारियों के अनुसार चौकियों पर होने बाली कमाई का हिस्सा बांट जिले के कलेक्टर, एस पी, संबंधित चौकी से लगे थाने के टी आई और पुलिसकर्मियों के साथ -साथ चौकी से लगे  संसदीय क्षेत्र सांसद और विधायकों के अलावा मीडिया से जुडे लोगों प्रतिमाह एक निश्चित राशि का लिफाफा पंहुचाना पडता है? शायद यही वह बजह है जिसकी बजह से रीवा जिले की विधानसभा क्षेत्र मऊगंज से पहली बार चुने गए विधायक प्रदीप पटेल से उनके क्षेत्र के वाहन चालकों से बार बार हनुमाना चौकी पर तैनात अधिकारियों द्वारा यह कहने को लेकर की तुम्हारे विधायक को चौकी की अवैध बसूली की कमाई का से तीन लाख रुपए पंहुचते हैं?  कि बात को लेकर विधायक पटेल हनुमाना चौकी पर पंहुच कर अवैध बसूली करने के खिलाफ चौथी पर जाकर दो बार अवैध बसूली करने बाले दस्ताबजों को जब्त करवाए। मगर आज तक विधायक के द्वारा जब्त करवाए गए दस्ताबजों के आधार पर दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होना यह संकेत देते हैं कि अवैध बसूली की कमाई के आगे सारे नियम कायदे कानून सब नतमस्तक हैं?  यही वह मुख्यकारण है जिसके चलते परिवहन चौकियों पर अवैध बसूली करने बाले इस माफिया के खिलाफ मुख्यमंत्री कमलनाथ की यह घोषणा की प्रदेश से हर प्रकार माफियाओं का वह खत्मा करके ही दम लेगें के दावे की दम फुलती नजर आती है? यही नहीं इन्हीं परिवहन चौकियों पर होने बाली अवैध बसूली की कमाई की बदौलत बाथम और पुरे परिवहन विभाग की कमाई के बदले में प्रतिमाह पंहुचाई जाने बाली अवैध बसूली की कमाई के हिस्से की रकम के रुप में सभी को नकली नोट पंहुचाने बाले के बचाव के लिए मंत्री के यहां तैनात स्टाफ खडा नजर आता है? एसी स्थिति में अवैध बसूली करने बाले इस माफिया के खिलाफ कोई कार्यवाही होना तो असंभव सा प्रतीत नजर आता है? दिखाने और जनता को भ्रमित करने के चद्दैश से भले ही राज्य से माफियाओं के खत्मे को लेकर कितनी भी घोषणाएं होती रहे हैं? मगर परिवहन चौकियों पर अवैध बसूली करने बाले इस माफिया का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है? मुख्यमंत्री कमलनाथ के माफियाओं के खिलाफ मुहिम चलाने की घोषणा को देखकर कबीर का वह दोहा स्मरण हो आता है"बुरा जो देखन को ढला बुरा न मिलिओ कोई जो दिल खोजो अपनों मुझसे बुरा न कोई"मुख्यमंत्री कमलनाथ को माफियाओं के खिलाफ मुहिम चलाने के पहले सरकारी संरक्षण में फलफूल ने बाले इस परिवहन माफिया के खिलाफ कार्यवाही करने भर से काम नहीं चलने बाला है बल्कि अवैध बसूली की कमाई करने बाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने होगी तभी जनता में उनकी निष्पक्षता दिखाई देगी?