बालाघाट बालाघाट बेमौसम बरसात सुरक्षा के अपर्याप्त साधन तथा त्वरित परिवहन के अभाव में प्रदेश के सर्वाधिक धान उत्पादक बालाघाट जिले में इस वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान को लेकर किसान चिंतित है।
धान के उठाव ना होने एवं अपनी अन्य मांगों को लेकर कल सोमवार से जिले के 169 धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी बंद कर दी गई है।
विपर्णन संघ की डीएमओ द्वारा जारी नियम आदेष कर्मचारियों को कलेक्टर रेट पर भुगतान ना किये जाने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश कर्मचारी महासंघ द्वारा जिले के सभी धान खरीदी केन्द्रों में ताला जड दिया गया है और अनिष्चित कालीन हड़ताल की घोशणा करते हुये जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रांगण मे हड़ताल पर बैठ गये है।
इस हड़ताल के कारण धान खरीदी केन्द्रों में एसएमएस के आधार पर धान बेचने पहुंचे किसान को परेशानी उठानी पड़ी।
धान का उठाव ना होने से उसके रखरखाव में व्यवधान पैदा हो गया है। बेमौसम बारिश के कारण धान के बोरे गिले हो गये उनमें अंकुरण निकल आये है।
विगत माह के अंतर करोड़ों रूपयों की धान खरीदी जा चुकी है लेकिन किसानों को आज तक भुगतान नही हुआ है।
नियमानुसार धान खरीदी केन्द्रों से परिवहन के बाद धान गोदाम में जमा होगी स्वीकृति पत्र जारी किया जायेगा उसके बाद ही किसान के खाते में बिक्री की गई धान की रकम जमा की जायेगी।
इस वर्ष धान बिक्री के लिये 1 लाख 16 हजार 88 किसानों ने पंजीयन करवाया है 30 हजार किसान धान दे चुके है 13 लाख क्विंटल धान खरीदी गई है जिसका मूल्य 227 करोड़ रूपये होता है।
6 लाख क्विंटल धान खुले में पडी है जबकि 42 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
धान खरीदी की अंतिम तिथि 20 जनवरी तक निर्धारित की गई है लक्ष्य के अनुपात में अब तक 40प्रतिशत धान खरीदी जा चुकी है।
इस तरह समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की पर्याप्त व्यवस्था ना होने के कारण किसान अपनी धान बिचैलियों एवं व्यापारियों को बेच रहा है ताकि उसे उसकी उपज का नगद मूल्य प्राप्त हो सके और अपनी जरूरत की पूर्ति कर सके।
6 लाख क्विंटल धान खुले में…..42 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य….