दौरे के बहाने कई अटकलों को जन्म दे गए सिंधिया

 



भोपाल (बिच्छू रोज़ाना)। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का भोपाल दौरा भले ही खत्म हो गया हो, मगर उसके निहितार्थ खोजे जाने लगे हैं। डिनर से लेकर पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में गुटबाजी सतह पर दिखी। कमलनाथ खेमा इस पूरे कार्यक्रम से दूर रहा। इसने कई तरह की अटकलों को जन्म दिया गया। सिंधिया दिल्ली में कांगे्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर दौरे पर आए थे, इसलिए इसे उन्हें मिलने वाली नई जवाबदारी से जोडक़र देखा रहा है। इस दौरे से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिस तरह से दूरी बनाई उसकी भी चर्चा है। कमलनाथ भोपाल में थे और आईएएस एसोसिएशन के डिनर में शामिल होने गए लेकिन सिंधिया की मौजूदगी में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के यहां डिनर में वे नहीं पहुंचे। इतना ही नहीं सिंधिया के चार दिवसीय दौरे में कमलनाथ से मुलाकात का कार्यक्रम भी नहीं है। हालांकि सिंधिया इस दौरे में हर गुट के नेता तक पहुंचेन की कोशिश की। डिनर उन्होंने खास गोविंद राजपूत के यहां लिया तो नाश्ता करने वे कमलनाथ के खास मंत्री सुखदेव पांसे के घर पहुंचे। दिग्विजय सिंह के खास पीसी शर्मा के घर भी पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने भी बनाई दूरी कयासों का दौर तेज
अगस्त में जब सिंधिया की मौजूदगी में मंत्री तुलसी सिलावट ने डिनर दिया था तब कमलनाथ पहुंचे थे और खासा समय दिया था लेकिन गोविंद राजपूत के यहां वे नहीं पहुंचे। वे चाहते तो थोड़े समय के लिए जाकर आ सकते थे, लेकिन उन्हेंाने ऐसा नहीं किया। इसके मायने तलाशे जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि कमलनाथ के सिंधिया से संबंध ठीक नहीं है। वे साथ-साथ दिखते रहे हैं। इसलिए चर्चा यह है कि मुख्यमंत्री गोविंद सिंह राजपूत से नाराज हैं। एक समय गोविंद की अगुवाई में ही सिंधिया समर्थकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। कैबिनेट की बैठक तक में बड़ा हंगामा हुआ था। चर्चा यह भी है कि कमलनाथ ने सिंधिया के दौरे से दूरी बनाकर संदेश देने की कोशिश की है कि वे प्रदेश में दो पावर सेंटर बनने देने के पक्ष में नहीं है।