हनीट्रैप में नाम आने के बाद भाजपा विधायक का पार्टी से मोह भंग!


  • सीएए कानून को बताया देश के खिलाफ




भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी ने एक बार फिर अपनी पार्टी की नीतियों का खुलेआम विरोध शुरू कर दिया है। इसके पहले त्रिपाठी विधानसभा में पार्टी लाइन के खिलाफ मतदान कर चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने बयान दिया था कि वे भाजपा में ही रहेंगे। अब हनीट्रैप में कथित रूप से नाम आने के बाद त्रिपाठी का फिर से अपनी पार्टी से मोह भंग होता दिखाई दे रहा है।


मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी आखिर किस के साथ हैं यह समझना मुश्किल है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस में रहने के बाद भाजपा से विधायक चुने गए नारायण त्रिपाठी पिछले 1 साल में कई बार पाला बदलते रहे हैं। कभी वह कमलनाथ के साथ दिखाई देते हैं तो कभी नरोत्तम मिश्रा के साथ भाजपा कार्यालय में पार्टी के प्रति निष्ठा व्यक्त करते दिखते हैं। पिछले दिनों हनीट्रैप में नारायण त्रिपाठी का नाम उछला था। कहा जा रहा है कि यह नाम इन विधायक का ही है। नारायण त्रिपाठी ने आज तक इसका खंडन भी नहीं किया है। पिछले दिनों विधानसभा में मतदान के दौरान नारायण त्रिपाठी भाजपा से बगावत कर कांग्रेस खेेमे में चले गए थे। उन्होंने कमलनाथ के साथ मीडिया से चर्चा में उनके प्रति वफादारी दिखाई थी। इसके बाद वे भाजपा कार्यालय पहुंचे वहां भी वफादारी दिखाई। हनीट्रैप में कथित रूप से नाम आने के बाद उन्होंने चुप्पी ओढ़ ली थी। 
मंगलवार को नारायण त्रिपाठी अचानक प्रकट हुए और उन्होंने भाजपा और नरेंद्र मोदी की नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून धर्म के नाम पर देश को बांटने वाला है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर देश का बटवारा नहीं होना चाहिए। त्रिपाठी ने यह भी कहा कि देश को यदि संविधान के हिसाब से नहीं चलना है तो संविधान को फाड़कर फेंक देना चाहिए। त्रिपाठी ने कहा कि गांव में जिनके आधार कार्ड नहीं बने हैं वे नागरिकता के लिए कागज कहां से लाएंगे। त्रिपाठी ने कहा कि सीएए कानून के कारण पूरे देश के गांव-गांव में गृह कलेश जैसी स्थिति बन गई है। लोग एक दूसरे की तरफ देख भी नहीं रहे हैं। उनके इस बयान के बाद अटकलें शुरू हो गईं हैं कि त्रिपाठी कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं।