मिलर्स बाजार में या उष्णा मिलों को बेच रहे है…
.. सरकारी धान…..अमानक स्तर का चांवल FCI को प्रदाय


 आनंद ताम्रकार बालाघाट बालाघाट समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान को कस्टम मिंलिंग के माध्यम से चांवल बनाने के लिये राईस मिलर्स को अनुबंधित किया गया है लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान का चांवल बनाने की बजाये उसे मिलर्स खुले बाजार में या उष्णा मिलों को बेच रहे है।
इतना ही नही निर्धारित मापदण्ड के विपरित सिल्की चांवल प्रदाय किया जा रहा है जिसमें पोष्टिक तत्व नही रहते। इन्ही विसंगतियों के चलते सिवनी,मण्डला,बालाघाट जिले के 63 राईस मिलर्स को नागरिक आपूर्ति निगम के सिवनी द्वारा नोटिस भेजा गया तदाशय की जानकारी देते हुये जिला प्रबंधक एल के जटिया ने अवगत कराया की 15 लाख क्विंटल से ज्यादा सरकारी धान चांवल तैयार करने दी गई थी अनुबंध की षर्तों के मुताबिक मिलर्स को तैयार किया गया सीएमआर चांवल का 20 प्रतिशत हिस्सा एफसीआई के गोदाम में जमा कराना था लेकिन 31 दिसंबर 2019 तक मात्र 7502 मैटिक टन चांवल एफसीआई के गोदाम में जमा कराया गया।
13444 मैटिक टन चांवल अभी भी गोदामों में जमा कराया जाना शेष है।
अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किये जाने पर मिलर्स को नोटिस भेजकर जबाव तलब किया गया।
यह उल्लेखनीय है की मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 31 जनवरी 2019 में प्रकाशित की गई अधिसूचना राईस मिलर्स राज्य की एंजेसियों का परिदान आदेश जारी होने की तारीख से 10 दिन के अंदर धान उठायेगा और धान का परिदान लेने की तारीख से 30 दिन के अंदर अथवा विनिर्दिश्ट अवधि के भीतर उसकी मिलिंक पूरी करेगा।
इसी तरह राईस मिलर्स का यह दायित्व होगा की प्राप्त धान तथा धान की मिलिंग के पश्चात चांवल के स्टाक को सुरक्षित अभिरक्षा में रखेगा तथा ऐसे धान तथा चांवल के संबंध में पूर्णतः उत्तर दायित्व रहेगा।
लेकिन इसके विपरित कस्टम मिलिंग के लिये प्राप्त धान को बेचकर अमानक स्तर का चांवल एफसीआई को प्रदाय किया जा रहा