प्रधान आरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग को. 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास

रिश्‍वतखोर प्रधान आरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग को. 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5-5 हजार रूपये का अर्थदण्‍ड


पन्ना – {sarokaar news} अदालत ने रिश्वतखोर प्रधान आरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग को रिश्वत लेने के आरोप में 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5-5 हजार के अर्थ दंड से दण्डित किया है। जिला लोक अभियोजन अधिकारी कपिल व्यास ने जानकारी देते हुए बताया कि 16/09/15 को थाना अमानगंज में पदस्थ प्रधान आरक्षक द्वारा रिश्‍वत मांग-संबधी एक शिकायती-पत्र पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्‍त सागर को दिया था जिसमे उल्लेख है कि फरियादी के नाम से एक झूठा प्रकरण थाना-अमानगंज में कायम है जिसमें सभी धाराएं जमानती है किं‍तु न्‍यायालय में चालान पेश करने के लिए थाना-अमानगंज में पदस्‍थ मुंशी राजेन्‍द्र गर्ग उससे 4000 रूपये मांग रहा है तथा पैसे न देने पर दिनभर थाने में बैठकर रखते हैं और शाम को छोड़ देते हैं। रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं होने के कारण आखिरकार फरयादी ने लोकायुक्त पुलिस का सहारा लिया तथा लोकायुक्त ने भ्रष्ट पुलिसकर्मी को पकड़ने के लिए जरुरी साक्ष्य जुटाते हुए फरयादी से रिश्वत लेते हुए प्रधान आरक्षक को रंगे हाथों धर दबोचा।


आरोपी के विरूद्ध धारा 7,13(1) डी, 13(2) भ्र.नि.अधि. के अपराध क्र.436/15 में आरोपी को गिरफ्तार किया। प्रकरण में विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया। मामले की सुनवाई न्‍यायालय श्री अनुराग द्विवेदी,विशेष न्‍यायाधीश (भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम) जिला-पन्ना के न्यायालय में हुआ। जिसमें अभियोजन के द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍य और न्‍यायिक-दृष्‍टांतों के आधार पर न्‍यायालय नें आरोपी राजेन्‍द्र गर्ग को दोषी पाया।


अभियोजन पक्ष द्वारा आरोपी को कठोर से कठोर दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया गया न्‍यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुये अभियुक्‍त प्रधान आरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग पिता स्‍व. श्री रामविश्वास गर्ग टिकुरिया मोहल्‍ला निवासी पन्‍ना को भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000 रूपये का अर्थदण्‍ड व भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) डी, सहपठित 13(2) में. 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्‍ड जमा न करने पर 1 वर्ष का अतिरिक्‍त सश्रम कारावास के दण्‍ड से दण्डित किया गया। इस पूरे प्रकरण में जिला लोक अभियोजक प्रवीण कुमार सिंह द्वारा सशक्त पैरवी की गयी।


जिले में पुलिसिया दमन अपने चरम पर है मुख्यालय सहित दूर दराज क्षेत्रों में स्थित थानों में गरीबों के साथ जोर जुल्म की कहानी किसी से छुपी नहीं है। पुलिस की इस छवि से बाहर निकालने के लिए मौजूदा पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी लगातार प्रयासरत है तो दूसरी और उनके मातहत उनकी मंशा के विपरीत कार्य करते हुए पुलिस की छवि को धूमिल करने में लगे हुए हैं। ताज़ा मामला है दिनांक 23/11/2019 को ग्राम ताला थाना शाहनगर अंतर्गत जाहर लाल प्रजापति की कुल्हाड़ी से नृसंश हत्या कर दी गयी थी।