मंडला आदि महोत्सव में पहुंचे उपराष्ट्रपति एम वैंकैया नायडू…

..जनजाति समाज का इतिहास और परम्परा अविरल है…..केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते



नितिन चौधरी मंडला मंडला जिले में 2015से आरंभ किये गये आदि उत्सव कार्यक्रम का15फरवरी 2020कोउद्घाटन करने महामहिम उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू जी केन्द्रीय संस्कृति पर्यटन मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय जनजातीय राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह, राज्य सभा सांसद श्रीमती सम्पतिया उइके, पंहुची । देश के उपराष्ट्रपति का उडन खटोला सुबह 10/30पर 


रामनगर के चौगान में बने हैलीपेड पर उतरा 
उपराष्ट्रपति श्री नायडू के साथ दोनों केंद्रीय मंत्री चौगान मोतीमहल स्थित राजवंश के स्तंभ में पुष्प अर्पित कर आदिवासी महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया ,आयोजक द्वारा आदिवासी संस्कृति के पोसाक पगडी को सर पर पहनाकर कलगी लगाकर मान्नीय मुख्य अतिथियों का स्वागत किया उपस्थित जनसमूह को पहले पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने संबोधित किया उनके बाद उपराष्ट्रपति महोदय ने जनता को उद्बबोधन करते हुए सरकार के साथ काम करने की बात कही इस बीच मेहमानों के स्वागत में आदिवासी लोक नृत्य गुदुम की प्रस्तुति भी स्थानीय कलाकारों द्वारा दी गई साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत कुछ हितग्राहियों को मंच से योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया मण्डला सांसद केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया कि आदिकाल से आज तक जनजाति समाज का इतिहास और परम्परा वैसे ही अविरल है, जैसे रामनगर के किनारे कल-कल करती माॅं नर्मदा, साथ ही माॅं नर्मदा इस बात की साक्षी है कि गौंड़ राजाओं की राजधानी ऐताहासिक एवं पुरातात्विक रूप कितनी समृद्व रही है। रामनगर के मोतीमहल, रानीमहल, आस्था का केन्द्र चौगान के ऐतेहासिक महत्व को पूरा देश परिचित हो सके साथ ही महोत्सव में जनजातीय संस्कृति, लोक नृत्य, लोक संगीत, जनजातीय कला, को आमजनता करीब से देख सके, और उसके पुरातन इतिहास को समझ सके इसके लिए इस तरह के आयोजन किये जा रहे हैं अंत में मंडला जिले सांसद व केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री द्वारा उपराष्ट्रपति महोदय को स्म्रति चिंह भेंट स्वरुप प्रदान किया । कार्यक्रम के अंत में उपराष्ट्रपति महोदय ने जनता के बीच पहुंच कर जनता का अभिवादन स्वीकार किया
वंही दुसरी तरफ जिले की आदिवासी महापंचायत ने कार्यक्रम का विरोध भी किया है आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि हमें इस आदिवासी कार्यक्रम में ठगा जाता है हम आदिवासियों को लेकर इसी मंच से पूर्व में बहुत सी घोषणाएं की गई पर आज तक पुरी नही हुई । इस कारण से आदि महोत्सव का रंग फीका रहा है ।