एक शेर की गौरब गाथा जिसके नाम से कांपते थे मुग़ल


 इतिहास का वो महान योद्धा जिनके नाम से थर-थर कांपते थे मुग़ल, पढ़िए उस शेर की गौरवगाथा को। 


 वीरों को जन्म देने वाली इस भारत भूमि की गाथा कौन नहीं जानता, इसने हमेशा ऐसे ऐसे वीर राजाओं और योद्धाओं को जन्म दिया है जिन्होंने इस मिटटी की आन बान और शान के लिए ना केवल अपना पूरा जीवन कुर्बान किया बल्कि भारत विरोधियों के लिए भी हमेशा काल के रूप बनकर रहे |


सरदार हरि सिंह  (1791-1837), महाराजा रणजीत सिंह के सेनाध्यक्ष थे जिसने पठानों से साथ कई लड़ाईयों का नेतृत्व किया। सिख फौज के सबसे बड़े जनरल हरि सिंह नलवा ने कश्मीर पर विजय प्राप्त कर अपना लौहा मनवाया। यही नहीं, काबुल पर भी सेना चढ़ाकर जीत दर्ज की।


 खैबर दर्रे से होने वाले अफ़ग़ान आक्रमणों से देश को मुक्त किया। 1837 में जमरौद की जंग में लड़ते हुए मारे गए। नोशेरा के युद्ध में स. हरि सिंह नलवा ने महाराजा रणजीत सिंह की सेना का कुशल नेतृत्व किया था। रणनीति और रणकौशल की दृष्टि से हरि सिंह नलवा की तुलना भारत के श्रेष्ठ सेनानायकों से की जा सकती है।


अफगानों के खिलाफ हुई भीषण लड़ाई को जीतकर नलवा ने अफ़गानों की धरती पर कसूर, मुल्तान, कश्मीर और पेशावर में सिख शासन की स्थापना की थी। पेशावर से लेकर काबुल तक सरदार हरी सिंह नलवा की कीर्ति पताका फैली हुयी थी।


सिक्खों के सर्वाधिक लोकप्रिय सरदारों की गिनती में शुमार सरदार हरिसिंह नलवा ने  सियालकोट (1802), कसूर (1807), मुल्तान (1818), कश्मीर (1819), पखली  और दमतौर (1821-2), पेशावर (1834) और ख़ैबर हिल्स में जमरौद (1836) पर विजय प्राप्त कर सिक्ख साम्राज्य का विस्तार किया।


 एक समय राजा रणजीत सिंह के राज्य को छोड़कर पूरे भारत पर ब्रिटिश हुकुमत का राज्य था। सरदार हरि सिंह नलवा, अकाली बाबा फूला सिंह, फतेह सिंह आहलुवालिया, देसा सिंह मजीठिया और अत्तर सिंह सन्धावालिये जैसे योद्धाओं के चलते राजा रणजीत सिंह स्वतंत्रता पूर्वक अपना राज-काज चलाते रहे।


 1837 को एक युद्ध में हरी सिंह नलवा लड़ते-लड़ते वीर गति को प्राप्त हुए ये युद्ध जमरूद में हुआ था, जिसमे हरी सिंह नलवा को 2 गोली लगी थी पर बड़ी बात ये थी कि अपनी सहादत के बावजूद उन्होंने पेशावर को अपने हाथ से जाने नही दिया था।


 ऐसे वीर थे बहादुर सरदार हरी सिंह नलवा जी हम उनको कोटि- कोटि नमन करते हैं और आपसे आग्रह करते हैं कि ये कहानियां अपने बच्चों को जरुर सुनाएँ, ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और याद रखें हिन्दुओं का इतिहास वीरता से भरा पड़ा है और सदेव हर हिन्दू को इस पर गर्व करना चाहिए।