पटवारी देंगे कोरोना आपदा प्रबंधन हेतु एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में
दो करोड़ रूपयो के लगभग होगी यह राशि
मानवीय कार्यों में अपनी क्षमता से आगे बढ़कर सेवा देने वाले मध्यप्रदेश के पटवारी संवर्ग ने विश्वव्यापी कोरोना वायरस बीमारी के आपदा प्रबंधन हेतु अपने 1 दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का निर्णय लेकर उक्त आशय का पत्र मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित किया है । प्रदेश में वर्तमान में 19020 पटवारी पदस्थ हैं इनका एक दिन का वेतन अनुमानतः दो करोड़ रूपयों के लगभग होगा।
उक्त संबंध में जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश पटवारी संघ के उपप्रांताध्क्ष राजीव जैन ने से बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में हमारा प्रदेश इस कोरोना वायरस COVID-19 जैसी महामारी से संघर्षरत है । मध्य प्रदेश के समस्त पटवारी हर विपत्तियों में प्रदेश और समाज की सहायता के लिए तन, मन और धन से समर्पित एवं दृढ़ संकल्पित है। प्रदेश का समस्त पटवारी इस कोरोना वायरस संबंधित राष्ट्रीय विपदा के समय सदैव शासन और प्रशासन के साथ इस मुहिम में साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा कि इस विपत्ति के समय प्रदेश का समस्त पटवारी मानवीय मूल्यों एवं कर्तव्यों के निर्वहन को सदैव अग्रणी स्थान देता है। उन्होंने कहा कि इसलिए मध्यप्रदेश पटवारी संघ ने यह निर्णय लिया है कि कोरोना वायरस संबंधित आपदा में आर्थिक सहायता हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदेश के समस्त 19020 पटवारियों के द्वारा अपने 1 दिन का वेतन माह मार्च 2020 के वेतन से जमा कराने का निर्णय लिया गया है। और इसी आशय से एक पत्र मध्य प्रदेश पटवारी संघ की ओर से प्रांताध्यक्ष उपेंद्र सिंह बाघेल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय के साथ ही मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व तथा आयुक्त भू अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर को प्रेषित किया गया है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश मैं पटवारियों द्वारा सदैव ही शासन के साथ आम जनता के हित में कार्य किया जाता है, जिसके चलते प्रदेश के पटवारियों द्वारा अपनी क्षमताओं से अधिक अपनी सेवाएं दी जाती है। मध्यप्रदेश के पटवारियों द्वारा मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखकर लिया गया यह निर्णय वास्तव में बहुत ही सराहनीय और प्रशंसनीय है। मध्यप्रदेश के पटवारी वैसे भी संक्रमण काल में अपने विभाग के निर्देश पर स्वयं के साधनों से लॉक डाउन होने के बाद भी अपनी सेवाएं दिन रात दे रहे हैं और विभिन्न ड्यूटीओं में अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं । अब पटवारियों द्वारा अपने 1 दिन का वेतन जो लगभग दो करोड़ रुपए के आसपास बनेगा को मुख्यमंत्री आपदा प्रबंध हेतु सहायता कोष में देना अपने आप में एक मिसाल है और प्रदेश के अन्य सभी शासकीय कर्मचारियों के लिए अनुकरणीय हैं।