*बुलाती है..मगर जाने का नई*मनोज चतुर्बेदी


..भिया राम..
..बुलाती है मगर जाने का नई..ये लाइन इन दिनों हर जगह सुनने को मिलती है इसलिए अपन ने बी सोचा इसको चेपा जाए..इसलिए अपन बी बोल दिए.. 
ये बीमारी..
*बुलाती है मगर जाने का नई..*
*हाथ जोड़ो,मिलाने का नई..*
*खांसी आये तो dr को दिखाओ,*
*अपनी डेढ़ अकल लगाने का नई..*
*हाथ बार-बार धोओ,*
*बिना धोए कुछ भी खाने का नई..*
*देवता तो 33 करोड़ पूज्य हैं अपने,*
*उनको बीमारी में अजमाने का नई..*
तो भिया समझ तो आप गए ही हैं के आज अपन विश्व्यापी महामारी *कोरोना वायरस👹* की बात कर रिये हैं..इसका इलाज तो बाद की बात है पर अपन को अबी तो इससे बचने के जतन करना चिये..
..सबसे पेले किसी से बी ज्यादा चिपका-चिपकी मत करो..मल्लब दूरी रखो..हाथ जोड़ो,हाथ मत मिलाओ..अपने हाथ बार-बार धोओ..खाने में सफाई रखो..बजार का मत चरो.. मम्मी के हाथ की लौकी-टिंडे से ई पेट भरो..खांसी-जुकाम होय तो मेडिकल पे जाके अपनी अकल मत बघारो..सीधे dr के पास जाओ..ने एक और विशेष बात..33 करोड़ भगवान के माथे मत रो..सावधानी रखो..भगवान ने थोड़ा सा प्यार दिखा दिया और अपने कने (पास) बुला लेंगे तो भगते फिरोगे😜
कुल मिलाके बात ये है के ये वायरस डरने-वरने का नी है..सिर्फ सावधानी रखो थोड़े दिन..खुद निपट लेगा..नरे(बहुत) आये ने गए..फिर वोई अपनी रामकहानी शुरू कर लेना..
*साफ रहो,सुरक्षित रहो*
..जा रिया अब..