एनसीएल के अधिकारी है कि उड़ा रहे गुलछर्रे

*देश संकट से जूझ रहा है, सरकारें चिंतित है,*


  *दिनेश पाण्डेय(पत्रकार)**सिंगरौली:--* एनसीएल के अधिकारियों द्वारा  सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करना, इनकी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकता है।बतादे कि नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए भारत सरकार की ओर से लगाए गए 21 दिन लॉकडाउन के बाद भी एनसीएल के अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।विश्वत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज मंगलवार की साम लगभग 7:30 बजे एनसीएल सिंगरौली(मोरवा)के सीटीआई गेस्ट हाउस का जो दृश्य था कि देखते ही बनता था।सूत्रों के अनुसार चार्ल्स जुस्टर जीएम सिक्योरिटी/कार्मिक एनसीएल सिंगरौली के साथ कई अन्य अधिकारी एक जगह बैठ कर खूब मस्ती व पार्टी करते रहे,इसके बाद टेनिस के खेल की ललक ने जो उछाल मारा की सोशल डिस्टेंस की दूरी ही भूल गये।इन्हें पता नही की इस बीमारी का इलाज सिर्फ व सिर्फ सोशल डिस्टेंस ही है। इस भीड़ में कब कौन किससे कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार हो जाये,कुछ कहा नही जा सकता।प्रशासन के लाख कोशिशों और अपील के बाद भी लॉकडाउन के दौरान एनसीएल अधिकारियों में सोशल डिस्टेंस का नियम टूट रहा है। गेस्ट हाउस में उमड़ी भीड़ को देखकर ऐसा नही लगता था कि कोरोना को लेकर इन पर सरकार के द्वारा बनाये गये नियम कानून का कोई जोर है।जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त संबधित अधिकारियों ने भी इनके प्रति अपनी आंखें मूंद रखी है।शायद इसी लिये एनसीएल के उक्त अधिकारी यह  भूल चुके हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण को दूर करने के लिए लॉकडाउन किया गया है,कोरोना के चक्र को तोड़ना है तो दूरी बनानी ही होगी।लॉकडाउन का मकसद यह है कि लोग घरों से बाहर न निकलें।जब घर में रोजमर्रा की चीजें खत्म हो जाए या कोई बहुत बड़ा काम आ जाये तभी घर से बाहर निकलें।क्योंकि जब लोग एक दूसरे के सीधे संपर्क में नहीं आएंगे तो यह वायरस एक दो सप्ताह में स्वतः खत्म हो जाएगा।भगवान न करें कि यहाँ वायरस सिंगरौली में फैले,नही तो उसे काबू करना किसी के बूते की बात नही होगी।बड़ी बात तो यह है कि सरकार  बार-बार सोशल डिस्टेंस की अपील कर रही है देश भारी संकट से जूझ रहा है,एनसीएल के अधिकारी है कि इनको ऐसे समय में पार्टी करना सूझ रहा है?