नीमच । पूरे विश्व मे फैले कोरोना संक्रमण के कारण देश मे पिछले 22 मार्च से लॉक डाउन जारी है जिसके बाद से अमीर इस लॉक डाउन को छुटियाँ समझकर अपने परिवार के साथ समय व्यतीत कर रहे है वही केंद्र से लेकर राज्य शासन तक सभी गरीबो के लिए राशन की व्यवस्था कर रहे है समाजसेवी संस्थाएं भी गरीबो को खाने के पैकेट वितरित कर रही है सरकार द्वारा भी गरीबो के खातों में सहायता राशि भेजी गई है। परंतु इस पूरे लॉक डाउन में अगर सबसे ज्यादा स्थिति किसी की खराब हुई है तो वह है मध्यमवर्गीय परिवार ।
मध्यमवर्गीय परिवारों की तरफ ना तो सरकार ने ध्यान दिया है और नही किसी संगठन ने इस दिशा में अभी तक पहल की है, जबकि अब अधिकतर मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए घर का खर्च चला पाना मुश्किल हो गया है। एक सामाजिक विडंबना यह है कि मध्यम वर्गीय परिवार अपना दर्द किसी को दिखा नही सकता। जग हंसाई के कारण वह राहत हासिल करने वालों की कतार में खड़ा भी नही हो सकता। समाज व सरकार दोनों की नजर में मध्यमवर्गीय परिवार गरीब की अहर्ता नहीं रखते। लॉक डाउन की अवधि में उद्योग धंधों तथा वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप हो जाने से भी इन परिवारों की भी आमदनी बन्द है। मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले कई लोगों ने अपनी पीड़ा का इजहार करते हुए बताया कि हमारा दर्द सुनने जानने का कोई प्रयास नही करता। कहने पर कोई विश्वास भी नही करता। लॉक डाउन में कोई कर्ज भी नही देता। दुकानदार उधार देने की बजाय मुँह मोड़ लेते हैं। येन केन प्रकरेण किसी तरह अपने परिवार का पेट भरने के लिए राशन के साथ साथ ईंधन, जलावन व पशुचारा का जुगाड़ करना अब दूभर हो रहा है। कई लोग तो जग हंसाई के चलते अपना जेवर आदि तक गिरवी रख परिवार की भूख मिटाने को विवश हैं। सरकार द्वारा लॉक डाउन की अवधि अगर दुबारा बढ़ाई जाती हैं तो इन परिवारों की समस्याएं और विकराल बन जाएंगी।
*ये स्वाभिमानी वर्ग है सरकार करे इनके लिए कल्याणार्थ फंड की घोषणा*
ये वर्ग स्वाभिमानी वर्ग है और भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और तार्किक आधारभूत संरचना है। इसको मदद करने से देश और समाज का बड़ा वर्ग लाभान्वित होगा। भारत सरकार और राज्य सरकार से निवेदन है कि मध्यम वर्ग के लिए कल्याणार्थ फंड की घोषणा करें। आज मध्यम परिवार में बहुत ऐसे परिवार है जो बहुत कष्ट में है और उनको भोजन में बहुत परेशानी हो रही है। साथ ही वो मध्यम वर्ग संकीर्ण मानसिकता का शिकार हो रहे हैं। मध्यम परिवार का नाखुश होना देश की आत्मीय और सांस्कृतिक खुशी के लिए नुकसानदेह है। जो मध्यम परिवार पीड़ित है उनके लिए फंड जारी किया जाए और सरकार की योजनाओं में इनको लाभार्थी बनाएं।