ये जो सड़क पर बैठी हैं ये तेलंगाना सरकार में मंत्री सत्यवती राठौर हैं. वे रास्ते से गुजर रही थीं, तभी देखा कि मजदूर पैदल जा रहे हैं. वे गाड़ी से उतरीं, उनसे बात की और वहीं बैठ गईं. ये मजदूर तेलंगाना से महाराष्ट्र जा रहे थे. साथ में उनके परिवार भी थे.
राठौर ने न सिर्फ उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर समझाया, बल्कि उन्हें खाना खिलाया और हर मुमकिन मदद का भरोसा दिया. राठौर ने मौके पर ही अधिकारियों को बुलाया और सभी प्रवासी लोगों का मेडिकल चेकअप कराया.
प्रशासन को आदेश दिया कि इन मजदूरों को दो क्विंटल चावल और हर एक को 10 हजार रुपये दिए जाएं. राठौर ने अधिकारियों से यह भी कहा कि इन लोगों को स्कूल इमारतों में ठहराया जाए और कृषि गतिविधियों में रोजगार दिया जाए. महबूबाबाद जिले में पांच हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र लौटना चाह रहे थे, उन्हें इस तरह भरोसा देकर रोक लिया गया है.
क्या दिल्ली और अन्य शहरों में ऐसा नहीं हो सकता था? लेकिन दुर्भाग्य से दिल्ली में पूर्वांचलियों का वोट लेने के लिए जो नेता गली गली छानते हैं, वे दिल्ली के कामगारों को भरोसा देने के लिए घरों से नहीं निकले.
सिसौदिया का एक वीडियो जरूर देखने में आया जहां वे लोगों से सड़क पर बात कर रहे थे. शायद उनका प्रयास नाकाफी रहा. उम्मीद है सभी राज्य सरकारें मिलकर इसका हल निकालेंगी. वरना देशवासियों को इसका गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ेगा.. कृष्ण कांत
(आजतक की खबर है)