*जाने, दुनिया का एकलौता मंदिर, जहां राजा राम को दिन में पांच बार दिया जाता है गार्ड ऑफ ऑनर!-के सी शर्मा*
देश में राजा रामचंद्र का एक ऐसा मंदिर है जहां राम की पूजा भगवान के तौर पर नहीं बल्कि राजा के रूप में की जाती है। अब राजा राम हैं तो उन्हें सिपाही सलामी भी देते हैं।
हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित ओरछा के राजा राम मंदिर की। यहां राजा राम को सूर्योदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात सलामी दी जाती है।
इस सलामी के लिए मध्य प्रदेश पुलिस के जवान तैनात होते हैं।
राजा राम का मंदिर देखने में किसी राज महल सा प्रतीत होता है।
मंदिर की वास्तुकला बुंदेला स्थापत्य का सुंदर नमूना नजर आता है।
कहा जाता है कि राजा राम की मूर्ति स्थापना के लिए चतुर्भुज मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था। पर मंदिर बनने से पहले इसे कुछ समय के लिए महल में स्थापित किया गया। लेकिन मंदिर बनने के बाद कोई भी मूर्ति को उसके स्थान से हिला नहीं पाया।
इसे ईश्वर का चमत्कार मानते हुए महल को ही मंदिर का रूप दे दिया गया और इसका नाम रखा गया राम राजा मंदिर।
आज इस महल के चारों ओर शहर बसा है।
हर रोज आते हैं राजा राम यहां पर कहा जाता है कि यहां राजा राम हर रोज अयोध्या से अदृश्य रूप में आते हैं।
ओरछा शहर के मुख्य चौराहा के एक तरफ राजा राम का मंदिर है तो दूसरी तरफ ओरछा का प्रसिद्ध किला।
मंदिर में राजा राम, लक्ष्मण और माता जानकी की मूर्तियां स्थापित हैं।
इनका श्रृंगार अद्भुत होता है। मंदिर का प्रांगण काफी विशाल है। चूंकि ये राजा का मंदिर है इसलिए इसके खुलने और बंद होने का समय भी तय है।
सुबह में मंदिर आठ बजे से साढ़े दस बजे तक आम लोगों के दर्शन के लिए खुलता है।
इसके बाद शाम को मंदिर आठ बजे दुबारा खुलता है। रात को साढ़े दस बजे राजा शयन के लिए चले जाते हैं।
मंदिर में प्रातःकालीन और सांयकालीन आरती होती है जिसे आप देख सकते हैं।
देश में अयोध्या के कनक मंदिर के बाद ये राम का दूसरा भव्य मंदिर है।
मंदिर का प्रबंधन मध्य प्रदेश शासन के हवाले है।
पर लोकतांत्रिक सरकार भी ओरछा में राजाराम की हूकुमत को सलाम करती है।
ओरछा शहर को कई तरह के करों से छूट मिली हुई है।
यहां पर लोग राजा राम के डर से रिश्वत नहीं लेते और भ्रष्टाचार करने से डरते हैं।
मंदिर के प्रसाद में पान का बीड़ा - राजा राम मंदिर में प्रशासन की ओर से प्रसाद का काउंटर है।
प्रसाद में लड्डू और पान का बीड़ा दिया जाता है।
हालांकि मंदिर के बाहर भी प्रसाद की तमाम दुकानें हैं जहां से आप फूल प्रसाद आदि लेकर मंदिर में जा सकते हैं।
मंदिर के बाहर जूते रखने के लिए निःशुल्क काउंटर बना है। राजा राम मंदिर में रामनवमी बड़ा त्योहार होता है।
बेल्ट लगाकर नहीं जा सकते- आप राजा राम के मंदिर के अंदर बेल्ट लगाकर नहीं जा सकते हैं।
इसके पीछे बड़ा रोचक तर्क ये दिया जाता है कि राजा के दरबार में कमर कस कर नहीं जाया जा सकता है। यहां सिर्फ राजा राम की सेवा में तैनात सिपाही ही कमरबंद लगा सकते हैं। आप जूता घर में अपना बेल्ट जमा करके फिर मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं।