सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने बताया- लॉकडाउन के बाद 600,000 लोग पहुंचे पैदल अपने गांब  









केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लॉकडाउन के दौरान 500,000 से 600,000 प्रवासी पैदल अपने गांवों की ओर गए. सरकार ने कहा कि उनकी आवश्यकताओं को देखते हुए सभी नीतिगत उपाय किए गए हैं. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी श्रमिकों को लेकर चिंता व्यक्त की. प्रवासी श्रमिकों के पलायन को रोकने के लिए किए गए उपायों पर शीर्ष अदालत द्वारा मांगी गई स्टेटस रिपोर्ट का जवाब गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया.


भल्ला ने शीर्ष अदालत को बताया “दुर्भाग्य से कुछ फेक, भ्रामक ख़बरों और सोशल मीडिया मैसेज के कारण यह स्थिति पैदा हुई''. जनगणना 2011 के अनुसार लगभग 44 मिलियन लोग रोजगार के लिए पलायन कर चुके हैं. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने कोरोनोवायरस के प्रभाव से निपटने के लिए प्रवासी श्रमिकों सहित हर गरीब व्यक्ति के लिए 1.7 लाख करोड़ के वित्तीय पैकेज की घोषणा की है.25मार्च से 21-दिन के लॉक डाउन के बाद असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों ने दिल्ली जैसे बड़े शहरों से अपने गांवों की ओर पलायन शुरू कर दिया. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को राहत आश्रयों को खोलने और इन प्रवासी श्रमिकों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान करने की सलाह दी थी, ताकि शहरों को छोड़ने वाले लोगों को राहत मिल सके. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मंगलवार तक राज्यों द्वारा 21,064 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिसमें लगभग 666,291 व्यक्तियों को आश्रय प्रदान किया गया है.