और भी गम हैं  जमाने में  कोरोना के सिवाय !

कोरोना संक्रमित रोज मिलेंगे, इन्हें अपराधियों की तरह प्रस्तुत करना अमानुषिक है।ये भी रोगी हैं  ,दूसरे रोगियों की तरह। इनके बुलेटिन फौरन रोके जाएँ ।ये 'भय का भूत 'पैदा कर अपना उल्लू सीधा करने जैसा है।और भी गम हैं  जमाने में  कोरोना के सिवाय !मै अपनी इस चिंता में  मित्र हेमंत जी की जानकारी भी  जोड़ रहा हूँ ।वे कहते हैं कि-मलेरिया के इलाज की खोज को लगभग 30 साल हो चुके हैं, लेकिन भारत में हर साल मलेरिया के 65 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं, जिनमें से लगभग 30 से 40 हजार लोगों की मृत्यु (3 हजार प्रति माह) हो जाती है। सिर्फ भारत में लगभग 27 लाख TB के मरीज़ हैं और हर साल लाखों लोग TB से मर जाते हैं। 
जबकि TB की दवाइया सालों से उपलब्ध हैं और सरकार उन्हें मुफ्त में भी उपलब्ध कराती है।


अगर कोरोना जैसे ही मलेरिया या TB के मामलों की खबरें और आंकड़े रोजाना मीडिया में दिए जाएं, तो लोग पागल हो जाएंगे... 


इस लिए आपको ये सीखना होगा कि कोरोना के साथ कैसे रहना/लड़ना है। वो फिर मास्क हो, social distancing हो या फिर hand washing
(जैसे कि हम मलेरिया के साथ जीने के आदी हो गए हैं... ऑल-आउट, ओडोमॉस, कछुआ अगरबत्ती का उपयोग करके)।


😖😕😔
अब शुरू होगी डॉ और हॉस्पिटल की लूट 98% मरीजों में कोरोना के लछन निकाल देंगे😂😂