पहली बार श्रद्धालुओं के बिना खुले बदरीनाथ धाम के कपाट,
 


 28 लोग थे मौजूद



 बदरीनाथ धाम के कपाट आज सुबह तड़के चार बजकर 30 मिनट पर खोल दिए गए हैं. इस दौरान मुख्य पुजारी सहित 28 लोग मंदिर में मौजूद थे. दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस प्रकोप के बीच ऐसा पहली बार हुआ जब बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते समय श्रद्धालु मौजूद नहीं रहे.





हर साल बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं. हालांकि कपाट खोलने के समय सभी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखने कहा गया था. लोग मास्क पहने दिखे. पिछले सालों में कपाट खुलते समय सेना के बैंड और भजन मंडलियों की आवाज यहां सुनाई देती है.


इसे पहले राज्य में गंगोत्री और यमनोत्री के धाम 26 अप्रैल को खोले गए थे. केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को खुले थे. हालांकि पहले बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खोले जाने थे लेकिन बाद में तिथि में बदलाव कर इसे 15 मई कर दिया गया. राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि “वर्तमान में, केवल चार धाम मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं', यह भक्तों के लिए खुला नह रहेगा'.

इस बार देवस्थानम बोर्ड ने कपाट खोलने के लिए पूरी तैयारियां की थी. आज सुबह वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ द्वार पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ. एक रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को पांडुकेश्वर से डोली यात्रा बदरीनाथ धाम के लिए निकली, जिसे पांडुकेश्वर में पुलिस ने रोका और सभी के पास की जांच की गई.




इस दौरान लोगों ने डोली रोकने का विरोध किया. उनके अनुसार डोली रोकना अशुभ माना जाता है. कहा गया है कि इस बार बदरीनाथ मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था. साथ की स्थल को अच्छी तरह सैनिटाइज किया गया था. बदरीनाथ बदरीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में मौजूद है.